उद्देष्य एवं संविधान/नियम

उद्देष्य एवं संविधान/नियम

राजपथअभियान

धारा-1ः नाम

न्यास कानाम “राजपथ अभियान“ होगा।

धारा-2ः प्रस्तावना

“राजपथ अभियान“न्यास पत्र आज दिनांक 14/07/2020 को दिल्ली में श्री देशपाल सिंह राठौर पुत्र स्वर्गीय श्रीदुर्गपाल सिंह राठौर उम्र 52 वर्ष, निवासी नई दिल्ली द्वारा निष्पादित किया जारहा है जो न्यास के संस्थापक हैं तथा यथोचित राष्ट्रीय अध्यक्ष/मुख्य प्रबंधन्यासी, संयोजक के नाम से जाने जाएंगे। यह मेरी हार्दिक अभिलाषा है किराष्ट्रीय राजनीति में वंशवाद, जातिवाद, प्रांतबाद, बाहुबल, धनबल का प्रभाव नगण्यकरने के लिए आखिरी पायदान पर खड़े मतदाता को जागरूक किया जाए तथा राजनीतिक चुनावस्पर्धा बढ़ाने के लिए शिक्षित युवाओं को प्रशिक्षित और प्रेरित किया जाए। ग्रामसभा सदस्य से लेकर विधान सभा सदस्य, संसद सदस्य के रूप में बार-बार एक ही व्यक्तिकी पुनरावृति रोकने के लिए नियम हो। ग्राम सभा सदस्य से लेकर संसद सदस्य बनने केलिए शैक्षिक योग्यता तय हो। ग्राम पंचायत, विकास खंड, जिला पंचायत कार्यालय तथासभासद (निगम पार्षद) विधायक, संसद सदस्य निधि से होने वाले विकास कार्योंका व्यापक स्थानीय प्रचार-प्रसार हो तथा सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था हो। अपनेक्षेत्र में पारंगत कोई भी व्यावसायिक व्यक्ति वगैर किसी राजनैतिक दल का सदस्य बनेराजनीति कर सके।

विधायी कार्यों, लोकनीति अथवा सार्वजनिक नीति की जागरूकता, शोध कार्य, कार्यान्वयन बढ़ाने के साथ यह न्यास भारतीय संस्कृति व समाज से जुडे़ मुद्दे- स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक न्याय, समानता, मानव अधिकार, राजभाषा हिंदी, श्रम, महिला बाल विकास,वृद्ध जन देखभाल, राजस्व, सरकारी जन हितैषी कल्याणकारी केन्द्रीय सरकार एवंराज्य सरकारों की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए ऐसे संगठन कीस्थापना करे जो सामाजिक और परोपकारी हो तथा गैर लाभ व हानि के कार्य करे।

धारा-3ः न्यास के उद्देष्य

1.     न्यास का लक्ष्यविधायी प्रक्रिया में राष्ट्रीय महत्व के विषयों (मुद्दों) पर सार्वजनिकसहभागिता को बढ़ावा देना है तथा विधायी चर्चा, नया कानून बनाने अथवासंविधान संशोधन में अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्ति की सहमति को परिवर्तन मेंसमाहित करने के लिए प्रयास करना तथा जनता द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधियों का प्रगति पत्रतैयार करना एवं उनकी अकुशलता की पहचान कर उनके सुधार में सहयोग करना व सूचना केअंतर को पाटने के लिए प्रयास करना।

2.     सभी भारतीयोंको संसद की गरिमा और शक्तियों से अवगत कराना तथा संसदीय संस्थाओं, केन्द्रीयमंत्रालयों, राज्य सरकारों की जनहितैषी, परोपकारी, कल्याणकारी, योजनाओं,नीतियों और राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करने के लिए आवासीयकार्यशाला, संगोष्ठी, उत्सव, मेला आदि आयोजित करना व सरकारी राजस्वभागीदारी वाली कंपनियों जैसे- पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप) वालीकंपनियों में राजस्व भागीदारी से संबंधित नियमों का अध्ययन करना, महालेखापरीक्षक की अवलोकन रिपोर्ट का अध्ययन करना तथा न्यास सदस्यों को लोकनीतिकार्यान्वयन व जागरूकता के अग्रदूत बनाकर नीतियों-योजनाओं के नाम पर नामितकरना।

3.     ग्राम प्रधान से लेकरलोकसभा चुनावों में असफल प्रत्याशियों की ऊर्जा का सदुपयोग कर उस क्षेत्र में समग्रविकास और राजनीतिक जागरूकता और पारदर्शिता, स्वैच्छिक राष्ट्रभक्ति उत्पन्न करनेऔर व्यापक जन सहयोग जुटाने के लिए प्रशिक्षण व प्रेरणा प्रदान करने का प्रयास करनातथा विकास प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण यात्रा पूरे देश व विदेशों मेंआयोजित करना। जनसंख्या विस्फोट और घटते संसाधनों के दुष्परिणामों सेसमाज को अवगत कराना। संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा संचालित योजनाओं का अध्ययनकरना, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएन वूमेन आदि के साथ कार्य करने का प्रयास करना।

4.     शिक्षा, स्वास्थ्य,सामाजिक न्याय, मानव अधिकार ,समानता, महिला एवं बाल विकास, स्वच्छ जल, स्वच्छ ऊर्जा,स्वच्छ वातावरण, श्रम अधिकार, पंचायती राज व्यवस्था, समग्र ग्राम विकास, सूक्ष्म, लघुऔर मध्यम उद्यम, सहकारिता औषघालय, विद्यालय, वृद्धजन आश्रम खोलने एवं विकासके लिए कार्य करना।

5.     100 प्रतिशत मतदानके लिए चुनाव प्रचार अभियान चलाना एवं राष्ट्र हित में स्वच्द छवि वाले उम्मीदवारकी पैरवी करना।

6.     उपर्युक्त उद्देश्योंपर कार्य करने के लिए विभिन्न, मंत्रालयों, विभागों, निगमों, बैंकों, निजीकम्पनियों व व्यक्तियों से दान, चंदा स्वीकार करके व सीएसआर निधि से गैर लाभ वहानि के परोपकारी कार्य करना।

7.     संसदीय सत्रों केसमापन के बाद जन हितैषी संसदीय चर्चाओं, विधायी कार्यों, पारित किए गएबिलों, प्रश्न उत्तरों की जानकारी आमजन को ग्राम पंचायत व नगरपलिका व अन्य स्तरों परदेने के उद्देश्य से जन संसद, छात्र जन संसद, किसान जन संसद, महिला जन संसद व अन्य काआयोजन करना।

8.     पंचायती राजसंस्थाओं को और अधिक साधन संपन्न बनाने के लिए प्रयास करना तथा इन संस्थाओंद्वारा चलाए गए विकास, जागरूकता कार्यक्रमों एवं गांवों में अन्य विकास कार्यक्रमों कोजन सहयोग से और अधिक सफल बनाने के प्रयास करना।

9.     न्यास ऐसे समाज केनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जिसका दृष्टिकोण आधुनिक दृष्टि से प्रगतिशीलएवं प्रबुद्ध हो और जो अपनी प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति व सामाजिक मूल्यों सेप्रेरणा ग्रहण करता हो तथा शांति तथा न्याययुक्त व्यवस्था को स्थापित करने के लिएअपनी प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन कर सके, जिसमें जाति-संप्रदाय अथवा लिंग काभेदभाव किए बिना सभी नागरिकों को राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक न्याय, समानअवसर तथा धार्मिक विश्वास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके।

10.    न्यास देश में युद्धआपातकाल, बड़ा प्राकृतिक संकट अथवा महामारी से बचाव के लिए जन  जागरूकता अभियान चलाएगा।

11.    न्यास देश में जच्चाबच्चा मृत्यु दर कम करने एवं जनसंख्या नियंत्रण के लिए जन जागरण अभियान चलाएगा।

12.    न्यास पिछले दशकोंमें विभिन्न राजनीतिक दलों को दिए गए राजनीतिक चंदे का अध्ययन करेगा।

13.    न्यास केंद्र औरराज्य सरकारों द्वारा ऐसे निजी अस्पतालों विद्यालयों विश्वविद्यालयों एवं न्यासो कोदी गई रियायती जमीन का अध्ययन करेगा जो धर्मार्थ कार्य कार्य के लिए दी गई हो।

14.    न्यास द्धारा देसीरियासतें ;पिं्रसली स्टेटद्ध के प्रशासनिक नियमों का अध्ययन कर लोक कल्याण में उनकेबारिशों का सदुपयोग करना। भारत सरकार द्वारा रियासतों को दी गई छूट एवंअधिग्रहण की गई संपत्तियों के सदुपयोग एवं राज भत्ता प्रिवी पर्स का अध्ययन करना।

15.    न्यास पिछले कईदशकों में विभिन्न औद्योगिक घरानों व्यक्तियों कंपनियों को दिए गए जमानतीपैकेज ;बेलआउट पैकेजद्ध जिसका सीधा अर्थ सरकारी राजस्व से था का अध्ययन करेगा।

16.    न्यास के सदस्योंएवं जनसाधारण व युवाओं को पंचायती राज की राजनीती से लेकर राष्ट्रीयराजनीति में प्रवीण बनाने हेतु भारतीय राजनीति प्रषिक्षण अकादमी की स्थापना करनातथा साधु-संत, संन्यासियों, पुजारियों, धर्मिक व्यक्तियों को समाज सेवा मेंप्रवीण बनाने हेतु भारतीय साधु संत प्रषिक्षण अकादमी एंव सरकारी व निजी क्षेत्र केविभागों व कम्पनियों में कार्यरत अधिकरियों को प्रशिक्षत करने के लिए भारतीयमानव संसाधन विकास अकादमी की स्थापना करना व परिवारों को सफल सार्थक और सुखीजीवन का परिचय कराने व नागरिक कर्तव्यों ;राष्ट्र के प्रति कर्तव्योंद्ध का भी पालनकरने के उद्देश्य से अखिल भारतीय परिवार की स्थापना करना।

17.    अपने कार्यकलापोंके प्रचार-प्रसार के लिए न्यास एक मासिक/त्रैमासिक/छमाही/वार्षिक पत्रिका का भीप्रकाशन करेगा।

18.    न्यास अपनेप्रचार-प्रसार के लिए सभी तरह के सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम, लिंकडइन इत्यादि पर उपलब्ध रहेगा एवं अपने उद्देश्यों की अनुपूर्ति में व्यापकप्रचार प्रसार के लिए यूट्यूब चैनल का भी संचालन करेगा।

धारा-4ः मुख्य दर्षन

1.     न्यास सामाजिक एवंआर्थिक विषयों पर गांधी जी के गांधीवादी चिंतन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय केअन्त्योदय दृष्टिकोण जिससे शोषण मुक्त एवं समता  युक्त समाज की स्थापना हो सके, सर्व धर्म समभावमूल्यों पर आधारित सार्वजनिक जीवन, आर्थिक समानता, राजनीतिक विकेंद्रीकरण पर न्यासविश्वास करता है। न्यास का उद्देश्य वंशवाद की राजनीति, पारिवारिक समाजवाद, समवृद्धजनतुष्टिकरण और मुफ्त खोरी तथा बढ़ती हुई जनसंख्या केदुष्परिणामों के बारे में भारतीय जन को जागरूक करने के लिए जन जागरण अभियान चलाना। कक्षा 1 से लेकर 10वीं तक की शिक्षा को निःशुल्क कराना एवं यहशिक्षा मातृभाषा में देना तथा हिंदी को राष्ट्रभाषाघोषित करने के लिए प्रयास करना।

धारा-5ः जय घोष

       भारत माता की जय,वंदे मातरम का जयघोष प्रत्येक सभा के आयोजन के आरंभ में किया जाएगा। उसराज्य का वाद्य यंत्र या शंख बजाया जाएगा तथा सभा के समापन के समय राष्ट्रगानगाया जाएगा।

घारा-6ः झण्डा

       झण्डे का रंगकेशरिया और हरे रंग का होगा जिस पर उगते हुए सूर्य का चिन्ह होगा। झण्डासरकारी अनुमति के बाद ही जारी कियाजाएगा।